विपक्षी दलों ने एक स्वर में कहा, संकट की इस घड़ी में हम सरकार के साथ

8 मई 2025 को नई दिल्ली में संसद भवन परिसर में आयोजित सर्वदलीय बैठक में भारत की राजनीतिक एकता और आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प का स्पष्ट प्रदर्शन हुआ। बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन किया।
बैठक का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बायसरन घाटी आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़ेवाले की हत्या कर दी गई थी। इस बर्बर हमले के बाद, भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
बैठक में प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, राजद के प्रेमचंद गुप्ता और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
विपक्ष का समर्थन और एकजुटता
बैठक में विपक्षी नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का पूर्ण समर्थन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “संकट की घड़ी में हम देश और सरकार के साथ हैं। सरकार की कोई आलोचना नहीं करनी।” राहुल गांधी ने भी कहा, “हमने सरकार को अपना पूरा समर्थन दिया है।”
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि सभी दल आतंकवाद से निपटने में सरकार के साथ हैं। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
सुरक्षा चूक और भविष्य की रणनीति
बैठक में विपक्षी नेताओं ने पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की और आश्वासन दिया कि वे इस लड़ाई में सरकार के साथ हैं।
भारत की एकता का संदेश
सर्वदलीय बैठक में सभी दलों का एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना भारत की लोकतांत्रिक एकता और संप्रभुता का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि जब भी देश पर संकट आता है, तो सभी राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर उसका सामना किया जाता है।
इस बैठक ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि भारत की एकता को कोई ताकत तोड़ नहीं सकती।