
जय मातारानी की। चैत्र नवरात्र के बस थोड़े ही दिन रह गये हैं। क्या आपने तैयारी कर ली है? आज की ताजा खबर में आपका स्वागत है। तो प्रिय मित्रों, बहनों आज मैं आपको आनेवाले चैत्र नवरात्र के बारे में पूरी जानकारी देनेवाला हूं। अगर कहीं कुछ दिक्कत हो और भी कुछ जानना हो तो आप हमें नीचे का फॉर्म भरकर पूछ सकते हैं। हम उसी दिन कोशिश करेंगे कि आपको आपका सही जवाब मिल सके।
जैसा कि आप सभी जानते हैं चैत्र नवरात्र चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रथम कहें, एकम कहें या प्रतिपदा अर्थात् हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार चैत्र माह की पहली तिथि से शुरू होता है। चैत्र नवरात्र प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर दशमी तिथि तक चलता है, लेकिन कई बार यह नवमी को भी खत्म हो जाता है, इसकी वजह तिथियों का लोप होना है। कोई तिथि कम अवधि की होती है या जल्द खत्म हो जाती है तो कभी तिथि भी खत्म हो जाती है।
माँ दुर्गा का आगमन व प्रस्थान किस सवारी से हो रही है
चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल 2024 से शुरू है
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल सोमवार को रात 11 बजकर 49 मिनट 52 सेकेंड पुर शुरू होगी। हमारे पुरोहित पंडित रामेश्वर जी का कहना है कि जिस तिथि में सूर्यास्त होता है और जिस तिथि में सूर्योदय, वही तिथि मान्य होती है। चूंकि मंगलवार 9 अप्रैल को सूर्योदय प्रतिपदा तिथि में हो रहा है इसलिये मंगलवार को ही घटस्थापना का दिन होगा अर्थात् नवरात्र का पहला दिन। अव्वल तो यहां प्रतिपदा तिथि में ही सूर्यास्त भी हो रहा है।
कलश स्थापना मुहूर्त
इस बार की चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल दिन मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। चैत्र नवरात्र के दिन दुर्गा पूजा का प्रारंभ कलश स्थापना के साथ होता है। अब जानते हैं कि मंगलवार को कलश स्थापना कितने बजे होनी चाहिए। तो मेरे प्रिय पाठकों 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक है। उसके बाद दोपहर के अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट के बीच कलश स्थापना कर सकते हैं। आपको बता दें कि यही दो मुहूर्त कलश बैठाने के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं।
इस बार मातारानी आ रही हैं घोड़े से इसका प्रभाव शुभ है या शुभ पढ़ें इसे
चैत्र नवरात्र की दुर्गा अष्टमी कब है?
अब जो लोग चैत्र नवरात्र के दौरान आंशिक उपवास करते हैं उनके लिये। कोई पहली और अंतिम तिथि नवमी का व्रत रखता है तो कोई सिर्फ अष्टमी का व्रत करता है। तो बहनों व भाइयों, नवरात्र की दुर्गा अष्टमी इस बार 16 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करते हैं।
चैत्र नवरात्र की कन्या पूजा व हवन कब
चैत्र नवरात्र में कन्या पूजा व हवन आप दुर्गा अष्टमी और नवमी के दिन कर सकते हैं। नवमी अथवा रामनवमी के दिन नवरात्र व्रत का पारण व हवन अर्थात् 17 अप्रैल दिन बुधवार को होगा। कई स्थानों पर दुर्गा अष्टमी को हवन होता है, जबकि कई जगह नवमी और दशमी को भी हवन करते हैं।